जबलपुर। 6 साल तक कुर्सी में बैठकर बाबूगिरी करने वाले शिक्षा विभाग के 17 कर्मचारी अब कलम नहीं घसीट पाएंगे। संभागीय संचालक लोकशिक्षण (जेडी) ने प्रमोशन पाकर बाबू बने इन कर्मचारियों पर एक बार फिर प्यून का ठप्पा लगा दिया है। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद महीनों की गई जांच और दस्तावेजों के वेरीफिकेशन के बाद जेडी ने 23 जून 2016 को नया आदेश जारी कर 2010 में प्यून से बाबू पद पर किए गए नियम विरुद्घ प्रमोशन रद्द कर दिए हैं। यानी प्रमोशन पाकर जो कर्मचारी इतने साल तक ठाठ से बाबूगिरी कर रहे थे उन्हें अब प्यून का काम करना होगा।
सालभर पहले रद्द किए थे प्रमोशन
2010 में जबलपुर संभाग के करीब 55 चतुर्थ श्रेणी से तृतीय वर्ग श्रेणी में प्रमोशन किए गए। जेडी मनीष वर्मा ने जांच में पाया तत्कालीन जेडी द्वारा किए गए प्रमोशन में नियमों का पालन नहीं किया गया। 15 अपै्रल 2015 को जेडी मनीष वर्मा ने सभी के प्रमोशन रद्द कर दिए। इसमें जिले के 20 बाबू प्रभावित हुए। बाबुओं ने हाईकोर्ट याचिका की शरण ली। कोर्ट ने जेडी को नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए। कोर्ट के निर्देश पर की गई दोबारा जांच और दस्तावेजों के वेरीफिकेशन, सुनवाई के बाद जेडी ने जिले के 17 बाबुओं के प्रमोशन नियम विरुद्घ करार देते हुए निरस्त कर दिए।
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इन बाबुओं की जाएगी कुर्सी
- भाव सिंह मेहरा - बीईओ दफ्तर शहपुरा
- विष्णु झारिया - डीईओ कार्यालय
- नंदलाल पासी - उमावि शहपुर
- चोखेलाल कोरी - मनोविज्ञान शिक्षा संदर्शन महाविद्यालय
- लाल सिंह धुर्वे - हाई स्कूल जामगांव
- शांतिबाई जैन - बालक बरेला
- चंदूलाल धुर्वे - शाउमावि पड़रिया
- मूलचंद श्रीवास - हाईस्कूल पोड़ा
- रामगोपाल वर्मा - शाउमावि पिपरियाकला
- किशनलाल सेन - हाई स्कूल नरईनाला
- राजाराम - प्राचार्य,प्रांतीय शिक्षण महाविद्यालय
- संतोष दुबे -शाउमावि धनपुरी
- नारायण प्रसाद नाई -शाउमावि लमकना
- जयकुमार बर्मन -बीईओ,कुंडम
- आरएस पटेल - शाउमावि इमलई राजा
- घनश्याम दुबे -हाई स्कूल जमगांव,कुंडम
- जबरन सिंह -हाईस्कूल पोला