
राजधानी के स्थानीय राधारमण ग्रुप जिसके इंजीनियरिंग और दूसरे कालेज हैं के मालिक संजीव सक्सेना शुरू से ही आरोप लगाते रहे हैं कि उनके व्यापमं घोटाले में आरोपी बनने के पीछे शिवराज चौहान के काबिना मंत्री उमाशंकर गुप्ता का हांथ है। संजीव सक्सेना ने अपनी गिरफ्तारी से पहले इंडिया वन समाचार से बात करते हुए आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता के खिलाफ भोपाल पश्चिम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की वजह से उन्हे व्यापमं भर्ती मामले में झूठा आरोपी बनाया गया है।
संजीव सक्सेना को व्यापमं घोटाले में वनरक्षक भर्ती, दुग्धसंघ भर्ती, संविदा शिक्षक वर्ग दो भर्ती और सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा मामलों में पैसे लेकर भर्ती कराने के आरोप हैं। संजीव सक्सेना ने मई 2014 में भोपाल कोर्ट में सरेंडर किया था। सरेंडर करने से 6 महीने पहले तक वह अंडरग्राउंड रहे थे। इस दौरान उन्होनें पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपनी जमानत अर्जी लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट से जमानत अर्जी नामंजूर होने के बाद संजीव सक्सेना ने सरेंडर किया था। संजीव सक्सेना को हाईकोर्ट से जमानत मिलने की खबर जैसे ही राजधानी पहुंची उनके समर्थकों ने शहर में जगह-जगह आतिशबाजी और मिठाई बांटकर खुशियां मनाईं।