
सुप्रीम कोर्ट ने मोती कश्यप का जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया है जिसके चलते अब ना सिर्फ साल 2013 का बड़वारा सीट से उनका विधायक का चुनाव भी खारिज हो सकता है बल्कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी की कार्रवाई भी शुरु की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने मोती कश्यप की अपील खारिज करते हुए साल 2013 में आए जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।
बड़वारा के एक आदिवासी नेता रामलाल कोल की याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने पाया था कि मोती कश्यप का जाति प्रमाण पत्र फर्जी है। कश्यप ने खुद को अनुसूचित जनजाति का बताते हुए एसटी के लिए आरक्षित बड़वारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। कश्यप मांझी नहीं बल्कि ढीमर जाति के हैं जो ओबीसी में आती है। ऐसे में जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा चुनाव शून्य घोषित कर दिए जाने के खिलाफ मोती कश्यप ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जहां से उन्हें स्टे भी मिल गया था लेकिन आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।