
चुनाव जीतने के बाद खान ने कहा, ''डर हमें कभी महफूज नहीं रखता। दहशत हमें हमेशा कमजोर बनाती है। डर की सियासत का इस शहर में स्वागत नहीं है।'' सादिक के विरोधी हिंदू और सिख वोटर्स को लुभाने के लिए नरेंद्र मोदी के नाम का इस्तेमाल कर रहे थे। उन्हें मोदी विरोधी करार दिया गया था।
लंदन में ही जन्मे हैं खान
सादिक पाकिस्तानी मूल के हैं। उनके पिता पाकिस्तान में ड्राइवर थे।
वे टूटिंग में पले-बढ़े। 24 साल की उम्र तक उन्होंने बेहद गरीब हालात में जिंदगी जी। उनके पिता रेड बस चलाते थे। उनके एक भाई मोटर मैकेनिक हैं।
सादिक बॉक्सिंग सीख चुके हैं। लंदन मैराथन में हिस्सा ले चुके हैं। वे 15 साल की उम्र से लेबर पार्टी के मेंबर हैं।
सादिक ने ह्यूमनराइट्स लॉयर के तौर पर करियर की शुरुआत की। फिर सांसद बने।
वे 2005 से लेबर पार्टी के सांसद हैं।
2009-10 में वे गॉर्डन ब्राउन गवर्नमेंट में मिनिस्टर पद पर रह चुके हैं।
कट्टरपंथियों से रिश्ते
सादिक खान नेशन ऑफ इस्लाम ग्रुप के लीडर बाबर अहमद काे रिप्रेजेंट करते थे। अहमद ने तालिबान को सपोर्ट करने की बात कबूली थी। इस वजह से अहमद को अमेरिका में जेल में डाला गया था। इस वजह से सादिक पर भी कट्टरपंथियों से रिश्ते रखने के आरोप लगे थे।
मोदी विरोधी इमेज
जैक गोल्डस्मिथ ने मेयर के इलेक्शन में मोदी कार्ड खेला। उन्होंने एक पोस्टर छपवाया जिसमें एक तरफ सादिक खान की फोटो के साथ लिखा था कि खान ने यूके में मोदी की एंट्री पर बैन लगाने की मांग करने वाले लेबर पार्टी के लीडर का सपोर्ट किया था। खान पिछले साल वेम्बली स्टेडियम में हुए 'यूके वेलकम्स मोदी' इवेंट में भी नहीं गए थे। वहीं, गोल्डस्मिथ ने खुद की मोदी के साथ फोटो का पोस्टर छापते हुए लिखा था कि हमने मोदी का स्वागत किया था। उन्होंने कहा था कि मेयर बनने पर वे भारतीय कम्युनिटी की लूट-चोरी जैसी घटनाओं से हिफाजत करेंगे। उन्होंने यह भी लिखा था कि वे लंदन में दिवाली, नवरात्रि और जन्माष्टमी जैसे त्योहार मनाते आए हैं।