
ये पूरा मामला छतरपुर जिले के लवकुशनगर थाना क्षेत्र के ग्राम कटहरा का है, जहां ग्रेनाइट के मलबे से बने रैंप के नीचे छोटे छोटे 3 गड्ढों में से रहस्यमयी तरीके से पानी निकल रहा है। जिसके बाद ये जगह आस्था का केंद्र बन गई है।
स्थानीय लोगों के अनुसार, रामेश्वर राजपूत नाम के एक व्यक्ति के सपने में भगवान शंकर आए थे। सपने में भगवान ने रामेश्वर को गांव में ही एक जगह पर गंगा मां के प्रकट होने की बात कही। सुबह होने पर रामेश्वर जो लकवे से पीड़ित था, सपने में दिखे स्थान पर गया तो वहां उसे तीन गड्ढे दिखाई दिए जिनमें से पानी निकल रहा था।
गड्ढों से निकलते पानी को रामेश्वर ने प्रसाद के रूप में जैसे ही पिया वैसे ही उसके शरीर का लकवा खत्म हो गया। इसके बाद से ही इस पानी को चमत्कारी होने की मान्यता मिल गई।
रामेश्वर की ये कहानी लोगों तक पहुंची तो बड़ी संख्या में लोग गड्ढों के पास इकट्ठा होने लगे। थोड़े दिनों बाद यहां एक झंडा भी गाड़ दिया गया और पुजारियों ने बैठकर पूजा शुरू कर दी। लोग इन गड्ढों के चमत्कारी पानी की पूजा कर प्रसाद चढ़ाने लगे।
कुछ पुजारी इसे कालेश्वर भगवान की कृपा कहते है तो कभी सिद्ध बाबा की कृपा। वहीं लोग इन गड्ढों के 'गंगाजल' को बोतलों में भरते हैं और उसे चरणामृत की तरह पीते है साथ ही अपने शरीर पर भी डालते हैं। उनका मानना है कि रामेश्वर की तरह ही उनके रोग भी पूरी तरह ठीक हो जाएंगे और वो स्वस्थ्य बने रहेंगे।