
ये रही मांगे -
1.स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 1 मई से 14 जून तक ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित किया गया दूसरी और राज्य शिक्षा केन्द्र ने ग्रीष्मकालीन अवकाश में शिक्षा अधिकार नियम के विरूद्घ शिक्षकों /अध्यापकों को शाला त्यागी अप्रवेशी बच्चों के सर्वे कार्य में संलग्न किया गया है जो कि अनुचित है।
2. मप्र की महाकाल की नगरी उज्जैन में चल रहे सिहंस्थ के चलते सर्वे कार्य अध्यापकों की धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ है।
3. अध्यापक संवर्ग /शिक्षक संवर्ग से केवल शाला में बच्चों के प्रवेश संबंधित सर्वे कराया जावे अन्य विभागों के कार्य संबंधित विभागों से ही कराया जावे।
4. शिक्षकों /अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य न कराया जावे।
5. अध्यापक संवर्ग को शून्य आवंटन में प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जावे।