
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में संस्कृत पठन-पाठन को प्रोत्साहित करने, योग से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ने और उज्जैन स्थित जीवाजी वेध शाला के उन्नयन तथा वहाँ भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की अवधारणा के प्रस्तुतिकरण के लिए आवश्यक आधुनिक संसाधन उपलब्ध करवाने की दिशा में संस्थान निरंतर सक्रिय है। संस्कृत पठन-पाठन को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थान को अनुदान की राशि 75 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ 75 लाख कर दी गई है। कार्य-परिषद ने 176 संस्कृत विद्यालय के नवीन संबद्धता और संबद्धता नवीनीकरण प्रकरणों को स्वीकृति दी। बैठक में अपर मुख्य सचिव श्री मोहंती ने निर्देश दिए कि भोपाल में पतंजलि संस्कृत संस्थान के भवन के लिए लोक निर्माण विभाग से संपर्क कर एक माह में ड्राइंग डिजाइन तैयार करवाई जाए।
बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन ने कहा कि संस्कृत बोर्ड में अध्ययनरत छात्रों में से सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने और अन्य उपलब्धियाँ अर्जित करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार देने की व्यवस्था की जाए। बैठक में संस्कृत बोर्ड के परीक्षा केंद्र सुविधाजनक स्थानों पर रखने और महेश्वर के संस्कृत विद्यालय को उन्नत तथा विस्तारित करने की बात भी रखी गई।