
शंकरगढ़ के रहने वाले और मध्यप्रदेश के एक डिग्री कॉलेज में प्रिंसिपल कुंवर बहादुर सिंह ने ढाई साल पहले बेटी डॉ. दिव्या सिंह का विवाह डॉ. संजय सिंह के साथ किया था। संजय सिंह ने आईएएस की परीक्षा दी थी। मंगलवार को परिणाम आया तो संजय सिंह को सफलता नहीं मिली।
संजय के साथ उनके परिवार के लोग उनके सफल न होने से काफी दुखी थे। पति का आईएएस में चयन न होने से दिव्या कुछ ज्यादा परेशान थी। मंगलवार दोपहर संजय सिंह अपने एक दोस्त से मिलने चले गए। शाम को घर में मौजूद फुफेरे और चचेरे भाई भी निकल गए।
दिव्या सिंह अकेले थी। रात में पति संजय सिंह लौटे तो देखा कि घर के कमरों के दरवाजे खुले हैं। लेकिन दिव्या सिंह नहीं नजर आई। वह पत्नी को खोजते हुए किचन में गए तो कुंडी अंदर से बंद थी। रोशनदान से झांककर देखा तो अंदर दिव्या फांसी के फंदे पर झूल रही थी।
पत्नी को फांसी पर झूलते देख संजय चीख पड़े। शोरगुल सुनकर आसपास के लोग आ गए। सूचना पर दारागंज इंस्पेक्टर बीपी त्रिपाठी मौके पर पहुंचे। इंस्पेक्टर बीपी त्रिपाठी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में फांसी लगाकर आत्महत्या की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि पति का आईएएस में चयन न होने से वह काफी दु:खी थी।
फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। वहीं चचेरी बहन के मौत की खबर सुनकर विधायक दीपक पटेल भी पहुंच गए। विधायक ने बताया कि बहन के पति ने आईएएस का इंटरव्यू दिया था लेकिन वह सफल नहीं हुए।