
भोपाल में पत्रकार वार्ता में पटवारी ने आरोप लगाए कि जिस तरह सिंहस्थ में स्वास्थ्य संबंधी सामग्री बाजार और सरकारी दर से भी कई गुना ज्यादा कीमत चुकाकर खरीदी गई। उज्जैन में जो अस्पताल बनाया गया वो सिंहस्थ के दौरान शुरू तक नहीं हो पाया। इसका उपयोग अपने चहेतों को ठहराने के लिए किया गया। 300 करोड़ रुपए से ज्यादा के निर्माण कार्य का जिम्मा लोकायुक्त के दागी इंजीनियर को सौंपा गया। इस इंजीनियर के वेतन से वसूली हो रही है। पेयजल के लिए मटकों की खरीदी को भी कमाई का जरिया बनाया गया।
उनके अनुसार 35-40 रुपए के मटके को 700 रुपए में खरीदा गया। सुरक्षा के लिए जो कैमरे लगाए गए थे, उन्होंने काम ही नहीं किया। इसका खुलासा खुद पुलिस की जांच में हुई है। मेला क्षेत्र और पंचक्रोशी यात्रा मार्ग में बनाए शौचालय में भी भारी भ्रष्टाचार हुआ है। मैंने पत्र लिखकर बारिश से पहले भौतिक सत्यापन की मांग की है, क्योंकि इसके बाद इनका नामोनिशान तक नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि आरटीआई के जरिए सभी खरीदी के दस्तावेज हासिल किए जा रहे हैं। इसके बाद लोकायुक्त और कोर्ट में शिकायत की जाएगी।