
जानकारी के अनुसार, रविवार को इंदौर के नजदीक डकाच्या में स्थानीय डॉक्टर कैलाश कोठारी का 35 वर्षीय बेटा मोनू क्लिनिक पर बैठा हुआ था। इस बीच अशोक मिश्रा बाइक से आया और दो बंदूक निकालकर गोलियां चलाना शुरू कर दी। इस फायरिंग में मोनू को पांच गोलियां लगीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
इस दौरान डॉ. कोठारी अपने क्लिनिक पर एक मरीज के साथ मौजूद थे। गोलियां चलने का शोर सुनकर उन्होंने और सलाइन लगने के बावजूद मरीज ने किसी तरह अशोक मिश्रा को धर दबोचा। बताया जा रहा है कि अशोक मिश्रा के पास तीन पिस्टल थी। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने अशोक को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मृतक के शव को इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल रवाना किया गया।
बदला लेने के लिए हत्या
पुलिस पूछताछ में अशोक ने खुलासा किया है कि उसने बदला लेने के लिए इस हत्या को अंजाम दिया। दिसंबर 2015 में मेडिकल स्टोर संचालक सुनील पाटीदार ने व्यवसायिक ईर्ष्या के चलते सुपारी देकर अशोक मिश्रा के आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले बेटे कार्तिक की हत्या करवा दी थी।
बताया जा रहा है कि डॉ. कैलाश कोठारी ने ही अपने रिश्तेदार को ये मेडिकल शॉप खोलकर दी थी। इसके अलावा खुद मृतक मोनू भी अपने पिता के क्लिनिक का काम संभालने के अलावा एक अन्य मेडिकल शॉप का संचालन करता था।