
ग्रामीणों का मानना है कि 65 साल बाद एक बार फिर इस गांव पर बुरा साये की दस्तक सुनाई दी है। इसके पीछे की वजह है दो दिन पहले एक महिला की अचानक ही गिरकर मौत हो जाना। इस घटना के बाद से ग्रामीणों को शक है कि 65 साल बाद एक बार फिर वह बुरी आत्मा गांव में प्रवेश कर चुकी है।
इसके लिए ग्रामीणों ने अपने गांव के डीह यानि कि राजा को एक खटिया पर बिठा कर गांव के चारों तरफ घुमा रहे है, जिससे कोई भी बुरी आत्मा उन्हें देखते ही उनके गांव से बाहर निकल जाए. आपको बता दें डीह को गांव के किसी बुजुर्ग पर पूजा पाठ के बाद बुलाया जाता है।
गांव की प्रक्रिमा के बाद ग्रामीण डीह बाबा गांव के बीचों बीच लेकर जाते हैं और वहां पर पूजा पाठ के बाद साये क्रियाक्रम होता है. प्रेत को गांव से भागने के बाद गांव में भण्डारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मां काली की पूजा अर्चना होगी