
गर्मी के शुरू होते ही सतपुड़ा के जंगलो में भी पानी की कमी का खतरा बन गया है। टाइगर सहित जानवर पानी की तलाश में बसाहट के करीब आने लगे है। जानवरों को जंगल में ही पानी मुहैया करने के लिए एसटीआर ने टेकर से पानी की आपूर्ति करने की तैयारी की है।
जलस्त्रोतों की देखरेख शुरू
एसटीआर की टीम को भी जंगलो में उतार दिया गया है। वनकर्मी जंगल में मोजूद जलस्त्रोतों की क्या दशा है इसकी जाँच कर रहे हैं।
घंटो पानी में रहता है टाइगर
गर्मी से बचने के लिए टाइगर घंटो पानी और तराई वाले इलाकों में रहता है। पार्क प्रबंधन द्वारा बनाये गए कूपों भरपूर पानी होने से टाइगर जंगल से बहार नहीं आता है।
अप्रैल और मई सबसे कष्टदायक
शहरों की तरह जंगल में भी अप्रैल और मई का महीना कष्टदायक रहता है। झरने और नदियों का जल स्तर कम होता है, वहीं छोटे कुण्ड और कूप सूख जाते है। जिससे वन्यप्राणियों को पेयजल नहीं मिलता है।
इसका कहना है
जंगल में जंहा भी पानी की कमी होगी वंहा टेंकरों से पानी पहुचाएंगे। हमारा प्रयास है की पानी की तलाश में जानबर बसाहट के करीब नहीं आये।
एस के नगर
फिल्ड डरेक्टर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व होशंगाबाद