
रोल नंबर के आधार पर यौन शोषण
मीडिया को दिए बयान में छात्रा ने कहा कि अक्टूबर 2015 में तत्कालीन वार्डेन बिजली कुमारी द्वारा घुमाने के बहाने रात में पथरगामा ले जाया गया। वहां एक अंधेरे रूम में उसे किसी के साथ सोना पड़ा। अंधेरा होने की वजह से वह उस व्यक्ति को पहचान नहीं पाई। उसकी तबीयत बिगड़ने पर वर्तमान वार्डेन कल्याणी चतुर्वेदी ने उसे गर्भपात की दवा खाने के लिए दी। दवा खाने के बाद जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजन को बुला कर सौंप दिया गया। पीड़िता ने बताया कि विद्यालय के लिए यह कोई नई बात नहीं है। रौल नंबर के आधार पर छात्राओं को भेजा जाता रहा है। उसने यह भी बताया कि शिक्षा विभाग के कई अधिकारी, शिक्षिका के पति के मित्र तथा समान की आपूर्ति करने वाला भी रात में विद्यालय आता है।
जिम्मेदार अब कह रहे जांच की बात
वहीं जिला शिक्षा अधीक्षक विनीत कुमार ने पूरे मामले की जांच की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। जबकि डीसी ने मामले की जांच के लिए सदर एसडीओ सौरव कुमार तथा महिला चिकित्सक के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दिया है। उधर एसपी संजीव कुमार ने मामले की जांच का जिम्मा महिला थाना प्रभारी तथा सीडब्ल्यूसी को दिया है। सीडब्ल्यूसी तथा महिला थाना प्रभारी पीड़ित छात्रा से पूछ ताछ कर रही है।