भोपाल। नगर निगम के नए टैक्स मॉडल में प्रापर्टी टैक्स 10 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव मेयर इन काउंसिल ने खारिज कर दिया है। ये प्रस्ताव राजस्व विभाग की ओर से एमआईसी की मंजूरी के लिए भेजा गया था। प्रापर्टी टैक्स मौजूदा वार्षिक भाड़ा मूल्य पर 20 फीसदी है जो यथावत रहेगा। एमआईसी के इस फैसले के बाद नगर निगम के प्रापर्टी टैक्स सहित पांच अन्य प्रकार के टैक्स की दरों में भी कोई इजाफा नहीं होगा। इनमें समेकित कर, शिक्षा उपकर, जलकर और नगरीय विकास कर शामिल है।
एक अप्रैल से बढऩे वाली महंगाई के मद्देनजर इस फैसले को जनता के लिए बड़ी राहत माना जा रहा है। इससे पहले कोलार के प्रापर्टी टैक्स परिक्षेत्र को बदलकर करीब दो लाख नागरिकों को विशेष राहत दी जा चुकी है। इसके अलावा साल में दो बार लगने वाले अधिभार के नियम को समाप्त कर जनता पर टैक्स का बोझ कम करने की प्रदेश में पहली बार पहल हुई है।
पौने चार लाख करदाताओं को फायदा
शहर में नगर निगम का टैक्स चुकाने वाले 3 लाख 60 हजार 336 करदाता हैं। टैक्स की दरें यथावत रहने से इन करदाताओं को फायदा पहुंचेगा। इसके अलावा कोलार को विशेष क्षेत्र का दर्जा दिए जाने से यहां दो लाख की आबादी लाभांवित होगी। साल के बीच दो बार अधिभार वसूलने की प्रथा समाप्त होने से पूरे शहर को राहत मिलेगी।