
बवाल तब शुरू हुआ जब शिनाख्त परेड में लेट पहुंचने पर बंदी राइटर ने एक बंदी की पिटायी कर दी। इससे अन्य बंदी भड़क गए। बवाल नियंत्रित करने पहुंची पुलिस पर जमकर पथराव किया। हवाई फायरिंग के बावजूद बंदी पीछे नहीं हटे। कई थानों की पुलिस, पीएससी, सीआरपीएफ और एनडीआरएफ भी उनके आगे बेबस रही।
जेल में बंदियों का कब्जा की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कम्प मच गया। डीआईजी, डीआईजी जेल, डीएम समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए। बंदियों ने जेल अधीक्षक को मुक्त करने के बदले अपने मांगें पूरी करने की शर्त रखी। मजबूर होकर डीएम ने उनकी सारी मांग मान ली। इसके बाद बवाल थमा। बंदियों ने जेल अधीक्षक को मुक्त कर दिया। जेल अधीक्षक आशीष तिवारी और डिप्टी जेलर अजय कुमार तिवारी को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। जेल अधीक्षक का चार्ज अब मुरादाबाद जेल के अधीक्षक रहे बीडी पांडेय को सौंपा गया है।
शिनाख्त परेड में हुआ बवाल
जिला जेल में सुबह रोज की तरह सुबह आठ बजे ग्राउंड पर बंदियों की परेड हो रही थी। बंदी अजय यादव लेट पहुंचा। बंदियों का आरोप है कि इससे नाराज डिप्टी जेलर अजय कुमार राय के निर्देश पर बंदी राइटर राजकिशोर ने उसकी पिटायी शुरू कर दी। इस पर अन्य बंदी भड़क गए और पिटायी का विरोध करने लगे। जानकारी मिलने पर अधीक्षक आशीष तिवारी मौके पर पहुंचे। डिप्टी जेलर का पक्ष लेने लगे। इससे मामला बिगड़ा। बंदियों ने अधीक्षक और डिप्टी जेलर अजय कुमार राय को बंधक बना लिया। बंदी रक्षकों ने मोर्चा लेने की कोशिश की तो दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई।
बिगड़ते गए हालात
बंदियों ने थोड़ी ही देर में अधिकतर बैरकों पर कब्जा कर लिया। जेल में उनसे हर काम के लिए सुविधा शुल्क वसूलने का आरोप लगाते हुए जेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उनका कहना था कि अजय को भी रुपये नहीं देने पर पीटा गया। जेल बवाल और अधीक्षक को बंधक बनाने की जानकारी होते ही प्रशासन में हड़कम्प मच गया। भारी संख्या में पुलिस, पीएसी के साथ सीआरपीएफ मौके पर पहुंचा। बंदियों में भय उत्पन्न करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की लेकिन बंदियों ने पीछे हटने की बजाय पथराव शुरू कर दिया। जेल में मौजूद हर बिल्डिंग की छत पर जमे बंदियों की भारी पत्थरबाजी से फोर्स की जेल परिसर में जाने की हिम्मत नहीं जुटा सकी। इस दौरान बंदियों ने जेल अधीक्षक और डिप्टी जेलर को बैरक संख्या 12 में बंद करके जमकर पिटायी की। इस दौरान डिप्टी जेलर अजय कुमार राय की हालत बिगड़ने पर उन्हें बैरक से बाहर कर दिया।
मजबूरन मानी सारी मांगें
जेल में बवाल की सूचना पर डीआईजी, डीआईजी जेल भी मौके पर पहुंची लेकिन सब मूकदर्शक बने रहे। सबके सामने बंधक बनाए गए जेल अधीक्षक को सकुशल मुक्त कराते हुए बंदियों के हंगामे को शांत करना था। भारी बवाल के आगे सब मूकदर्शक बने रहे। डीएम राजमणि यादव बंदियों से बातचीत करने बैरक के मुख्य गेट पहुंचे। मुख्यमंत्री, जेल मंत्री, जिला जज को बुलाने की मांग कर रहे बंदी बड़ी मुश्किल के बाद डीएम से बातचीत को तैयार हुए। उन्होंने एक कागज पर लिखकर मांगों की लंबी लिस्ट डीएम के सामने रख दी। बंदियों की मांगों को डीएम ने मान लिया। डीएम ने पिटाई की जांच सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपने के साथ एसीएम फोर्थ को जेल का चार्ज सौंपा। डीएम के एक्शन पर बंदियों ने करीब आठ घंटे बाद शाम को चार बजे अधीक्षक आशीष तिवारी को बंधन मुक्त कर दिया। इसके बाद बवाल थम गया। बंदी अपने- अपने बैरकों में चले गए। पुलिस ने जेल परिसर को अपने कब्जे में ले लिया है.
- ये रही बंदियों की मांगें
- बंदियों ने मांग की है कि अधीक्षक, डिप्टी जेलर को निलम्बित करने के साथ उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
- किसी भी बंदी या कैदी के खिलाफ मुकदमा नहीं होना चाहिए और न ही किसी का जेल से ट्रांसफर किया जाये.
- जेल में किसी गस्टेड अधिकारी को नियुक्त किया जाए।
- जेल का खाना-पीना सही तरीके से मिलना चाहिए।
- बंदियों की तलाशी बंदी रक्षक करें न कि बंदी राइटर।
- बंदियों से परिवार वालों की सामान्य मुलाकात कराई जाए।
- जेल में हुई पिटाई की जांच कराई जाए।