
मामला प्लेथिको फार्मास्युटिकल्स और इससे जुड़ी, मायऑन और मोलिक्यूल का है। इन सभी कंपनियों पर ऋण की बकाया राशि हजार करोड़ रुपए पार हो चुकी है। प्लेथिको पर 900 करोड़ रुपए से अधिक का ऋण है। इसमें सबसे अधिक ऋण बैंक ऑफ इंडिया, एसबीआई, आईडीबीआई के साथ एक्जिम बैंक का भी है। इधर, इसकी अनुषंगी कंपनी मायऑन और मोलिक्यूल पर अलग-अलग 50 करोड़ रुपए का लोन है। मोलिक्यूल पर 30 करोड़ रुपए का लोन है।
Plethico Pharmaceuticals Limited
38 बार अलग-अलग बैंकों से कंपनी ने लोन लिया। इस लोन को जोड़ा जाए तो यह तकरीबन 700 करोड़ रुपए से भी अधिक है। इसके अलावा ऋण पर ब्याज और पेनल्टी भी जोड़ी जाए तो यह 1000 करोड़ से भी अधिक हो चुका है। कंपनी ने यह लोन पिछले दो वर्षों में चुकाया भी नहीं है।
निवेशक भी डूबे
प्लेथिको फार्मास्युटिकल्स में सावधि जमा और अन्य स्कीम्स में धन जमा करने वाले निवेशक भी डूब चुके हैं। यही नहीं कंपनी का शेयर भी पिछले एक वर्ष में 90 प्रतिशत टूट चुका है। निवेशकों ने शेयर में 100 रुपए लगाए थे जो मौजूदा समय में 9 रुपए से भी कम पर आ चुके हैं।
मोलिक्यूल
प्लेथिको ने निवेशकों और बैंकों को धोखा देने के लिए एक विदेशी कंपनी मोलिक्युल को खरीदा। दरअसल यह कंपनी विदेशी थी ही नहीं। इस कंपनी के लिए प्लेथिको ने गारंटी देते हुए 27 करोड़ रुपए का लोन दो अलग-अलग बैंकों से ले लिया। लोन आज दिनांक तक नहीं चुकाया गया है। इस कंपनी में दो डायरेक्टर भी कंपनी के ही कर्मचारी है।
बाहर निकाला
मोलिक्यूल में दो डायरेक्टर प्रदीप दातार और प्रदीप चिंतामण है। इन दोनों डायरेक्टर्स के खिलाफ लोन डिफॉल्ट के मामले पंजीबद्ध हो चुके हैं। अब प्लेथिको कंपनी ने अपने हाथ खिंचते हुए इन दोनों कर्मचारियों को कार्यालय से बाहर कर दिया है। दोनों कर्मचारी रास्ते पर आ गए हैं, और कंपनी के कर्ताधर्ता लोन की राशि से मुंबई में ही आराम फरमा रहे हैं।
यह है आरोपी
इंदौर के शशिकांत पटेल इस कंपनी के मुख्य कर्ताधर्ता है। शशिकांत पटेल ने प्लेथिको के नाम पर 38 अलग-अलग वित्तीय संस्थानों से 700 करोड़ से अधिक का लोन लिया है। यह लोन नहीं चुकाया। इसी कंपनी के आधार पर उन्होंने मोलिक्युल और मायऑन फार्मा स्थापित की। इन दोनों कंपनियों में भी बैंकों से लोन ले लिया। शशिकांत पटेल फिलहाल मुंबई में रह रहे हैं। इनके सभी रिश्तेदार इंदौर छोड़ चुके हैं। बैंकों ने संपत्तियों पर नोटिस चिपका दिए हैं, लेकिन इनके खिलाफ आज दिनांक तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।