शिवराज सिंह के टमाटर भी नहीं बिके, फ्री में बांटने पड़े

भोपाल। महंगाई पर नियंत्रण करना सरकार का काम है। अर्थ यह कि चीजों के दाम ना तो तेजी से बढ़ने चाहिए और ना ही तेजी से घटना चाहिए, लेकिन मप्र सरकार दोनों ही पायदानों पर पूरी तरह बिफल है। दाल और शक्कर के तेजी से दाम बढ़ रहे हैं तो प्याज और टमाटर के दाम तेजी से घटते जा रहे हैं। हालात यह हैं कि खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान को अपने खेतों में पैदा हुए टमाटर दाम ना मिल पाने के कारण फ्री में बांटने पड़े। 

बीते रोज उन्होंने अपने गृहग्राम जैत में मुनादी पिटवाकर फ्री में टमाटर बांटे। करते भी क्या। बाजार में इतने दाम भी नहीं मिल रहे कि भाड़ा निकल आए। मजबूरी में किसान टमाटरों को सड़कों पर फैंक रहे हैं। शिवराज सिंह राजनीति से जुड़े हैं सो उन्होंने थोड़ा पैसा लगाकर फ्री में बंटवा दिए। 

नीमच, रायसेन में प्याज के दाम 1 रुपए से भी कम हैं जबकि गेहूं इस बार कंट्रोल से बाहर हो गया। केवल 15 दिन में दाम 4 रुपए प्रतिकिलो बढ़ चुके हैं। भोपाल जिले का मशहूर शरबती गेहूं अप्रैल में ही 30-32 रुपए किलो बिक गया। 

पिछले साल केंद्र सरकार ने राज्यों से खाद्यान्नों के प्राइस कंट्रोल पर खास ध्यान देने को कहा था। इसके तहत दाल के भंडारण की सलाह दी गई थी। विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हैं कि इस सलाह को माना होता तो दोबारा दाल इस तरह न बढ़ती। 

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