
बताया जा रहा है कि नागौर बैठक के बाद से ही संघ का शीर्ष नेतृत्व बौद्धिक योद्धाओं की फौज तैयार करने में जुट गया था। मामले की कमान सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी, सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और कृष्ण गोपाल की देखरेख में अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नंद कुमार के हाथों में है। इस खास मकसद से ही कुमार का केंद्र भोपाल से दिल्ली किया गया है।
लंबी कवायद के बाद लेखक, कवि, प्रोफेसर, सिने जगत, कला, साहित्य, संस्कृति, सोशल मीडिया, पत्रकार और थियेटर से जुड़े लोगों के 10 अलग-अलग कार्य समूहों का गठन किया गया है। इससे जुडे़ लोगों को बौद्धिक योद्धा की संज्ञा दी गई है। वैसे तो ये बौद्धिक योद्धा सार्वजनिक रूप से संघ या भाजपा के किसी मंच पर नहीं दिखेंगे मगर कोई मुद्दा या विषय सामने आने पर भगवा विचार को सामने रखेंगे।