उत्तर भारत मे मार्च से गर्मी बढना शुरू हो जाती है। इस साल तो चिलचिलाती गर्मी शुरू हो गई है। तो गर्मियों को देखते हुए स्कूलों मे सबसे पहले परीक्षा किसकी होनी चाहिये ?
कक्षा 9-12 वालों की जो कि बडे हैं ??
या
कक्षा 1-8 वालों की जो कि छोटे ही नही अबोध भी हैं ??
शासन ने परंपरागत तरीके से 9-12 तक के बच्चों की परीक्षा मार्च मे करा के उन्हें तो गर्मी से बचा लिया है लेकिन छोटे बच्चों को क्यों नही ??
चलो 5वीं व 8वीं वाले भी इस साल 2 अप्रेल को अंतिम पेपर देकर निपट लेंगे लेकिन 1-7 (5वीं छोड़कर) वालों का क्या ?
मेरा सवाल ये है कि यदि 5, 8, 9, 10, 11 व 12 के बच्चे सुबह-सुबह 8-11 बजे तक परीक्षा दे सकते हैं तो पहली से सातवीं वाले क्यों नही ???
क्यों उन्हें सुबह 11 से दोपहर 2 बजे तक परीक्षा देने को मजबूर किया जा रहा है ?
आपसे सवाल है कि यदि dpi के द्वारा सुबह 8-11 बजे तक कक्षा 1-7 की परीक्षा आयोजित कराने का आदेश सुधारा जाय तो म.प्र. सरकार पर बजट का कितना बोझ आयेगा ?
अशोक विश्वकर्मा
खोरा(अजयगढ) जिला पन्ना म.प्र.
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