भोपाल में डिप्टी डायरेक्टर के घर से चल रहा था मोदी का फर्जी मंत्रालय

भोपाल। आयुष विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पीसी शर्मा का बेटा प्रतीक भारद्वाज घर से ही केंद्रीय मंत्रालय संचालित कर रहा था। उसके द्वारा jetexam.in नाम से तैयार की गई वेबसाइट को भारत सरकार के मंत्रालय ग्रुप ऑफ कंपनीज से मान्यता प्राप्त बताया था। जांच हुई तो सामने आया कि केंद्र सरकार का इस नाम से कोई मंत्रालय है ही नहीं। ये वेबसाइट गो डैडी पर रजिस्टर्ड है और इसे बिंदास सर्वर से होस्ट किया जा रहा था। पुलिस का दावा है कि वह अब तक देशभर के बेरोजगारों से सवा करोड़ से ज्यादा की ठगी कर चुका है। 

मंगलवार शाम क्राइम ब्रांच ने प्रतीक को बीएम-143, नेहरू नगर स्थित घर से पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। शिकायत मिली थी कि jetexam.in नाम की वेबसाइट पर सरकारी पदों पर भर्ती के लिए आवेदन बुलाए गए हैं और हर उम्मीदवार से रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में 650 रुपए वसूले जा रहे हैं। एएसपी शैलेंद्र सिंह चौहान के मुताबिक पूछताछ में प्रतीक के जवाब गलत पाए गए। इस आधार पर उसे गिरफ्तार किया। वेबसाइट पर बाकायदा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बनाए गए हैं, लेकिन उनके बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। कंपनी का पता एमपी नगर जोन वन है, जहां कार्यालयीन गतिविधियां नजर नहीं आईं। वेबसाइट पर अलग-अलग पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा लेने की बात तो लिखी है, लेकिन ये किस विभाग से संबंधित है इसका उल्लेख नहीं है। परीक्षा कब, कहां आयोजित होगी और परिणाम कब आएंगे या नियुक्ति की तारीख क्या होगी, जैसे सवालों के जवाबों का भी उल्लेख नहीं है। 

असेसमेंट एग्जाम कराना कोई अपराध नहीं 
प्रतीक अपनी वेेबसाइट घर से ही ऑपरेट करता था। उसने अपनी वेेबसाइट पर सरकारी नौकरियों के लिए असेसमेंट एग्जाम कराने का विज्ञापन प्रकाशित किया था। उसी के लिए उम्मीदवारों के रजिस्ट्रेशन कराए थे। असेसमेंट एग्जाम कराना कोई अपराध नहीं है। 
डॉ. पीसी शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर, आयुष 

सांसद का पता क्यों लिखा 
सरगुजा के सांसद कमल भान सिंह मरावी ने मामले में दिल्ली स्थित अपने निवास का पता दिए जाने संबंधी बातों से पल्ला झाड़ लिया है। उन्होंने कहा है कि वे न तो डिप्टी डायरेक्टर को जानते हैं और न ही प्रतीक को। वेबसाइट पर उनके निवास का पता क्यों और कैसे दिया गया, यह उनकी जानकारी में नहीं है। मामले की जांच के लिए जल्द ही वे पुलिस विभाग के अलावा लोकसभा अध्यक्ष और गृहमंत्री को पत्र लिखेंगे, क्योंकि ऐसे किसी को बदनाम किया जाना ठीक नहीं है। 

मात्र पांच दिन में 20 हजार आवेदन 
वेबसाइट पर पंचायत विभाग में लेखापाल के पद पर विशेष भर्ती को लेकर भी विज्ञापन दिया गया था। इसमें राज्य सरकार की निर्धारित शर्तों के अनुरूप वेतन देना बताया था। रजिस्ट्रेशन फीस 650 रुपए रखी थी। पांच दिन पहले जारी इस विज्ञापन को देखकर देशभर से करीब 20 हजार उम्मीदवारों ने आवेदन किया। वेबसाइट संचालक को करीब एक करोड़ 30 लाख रुपए केवल रजिस्ट्रेशन फीस के जरिए मिले। इसके लिए लीडर्स प्रो नाम की कंपनी ने रातीबड़ स्थित बैंक में खाता खोला था। 

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