
सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर 2014 को पंजाब सरकार विरूद्ध रफीक मसीह के प्रकरण में दोनों श्रेणी के कर्मचारियों से त्रुटिवश हुए अधिक भुगतान की वसूली पर रोक लगा दी थी। वित्त विभाग ने कहा है कि ऐसे किसी भी प्रकरण का निराकरण करते हुए कोर्ट के इस फैसले को आधार बनाया जाए।
शासन ने ये भी कहा है कि प्रकरण की जांच में पता चलने पर कि वेतन निर्धारण में लापरवाही बरती गई है या जान-बूझकर गड़बड़ी की गई है, तो वेतन निर्धारण करने वाले और उसका अनुमोदन करने वाले अधिकारी के खिलाफ अलग-अलग कार्रवाई की जाए और दोनों अधिकारियों से अलग-अलग राशि की वसूली भी की जाए।
सेवानिवृत्त के बाद होती है परेशानी
सेवाकाल के दौरान जिन कर्मचारियों का वेतन अधिक निर्धारित हो जाता है या जिन्हें जानबूझकर ज्यादा वेतन दिया जाता है, ऐसे कर्मचारियों से सेवानिवृत्त होने पर अधिक भुगतान हुई राशि की वसूली की जाती है। कई बार इस चक्कर में कर्मचारियों को कई साल परेशान होना पड़ता है। दरअसल, वसूली के चलते उनकी पीएफ राशि सहित अन्य सुविधाएं रोक दी जाती हैं।