नईदिल्ली। बेंगलुरु में रहने वाली कॉरपोरेट कम्युनिकेशन एक्जीक्यूटिव ऐश्वर्या सुब्रमण्यन की एक पोस्ट ने एक बार फिर देशभर में महिलाओं के कपड़े पहनने की आजादी पर बहस शुरू कर दी है। इसकी शुरूआत एश्वर्या और एक आॅटो ड्रायवर से शुरू हुई। ड्रायवर ने एश्वर्या के तंग और घुटनों तक की ड्रेस पर विनम्रतापूर्वक आपत्ति दर्ज कराई थी। एश्वर्या को लगा कि यह उसकी आजादी से खिलवाड़ है। उसने इस घटना का जिक्र फेसबुक पर कर दिया। उसे उम्मीद थी कि उसके दोस्त उसका समर्थन करेंगे परंतु जो प्रतिक्रियाएं आईं वो चौंकाने वाली थीं।
यह फेसबुक पोस्ट तेजी से वायरल हुई और इस पर लिखे गए कमेंट्स से ऐश्वर्या काफी दुखी हैं। कई लोगों ने उन्हें बदचलन करार दिया। तो कुछ कह रहे हैं कि वह पब्लिसिटी के लिए झूठ बोल रही हैं। वहीं कुछ लोगों ने कहा कि ऑटो ड्राइवर सही कह रहा था। ऐश्वर्या ने बताया कि पोस्ट करने के जो कमेंट्स किए गए उन्होंने ऑटो ड्राइवर के द्वारा की गई टिप्पणी से ज्यादा शर्मिंदा किया है। लोगों ने लिखा कि मैं वेश्या हूं और लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए ऐसा कर रही हूं। फाइनली एश्वर्या ने अपनी उस पोस्ट को डीलिट कर दिया जिस पर वो बहस करना चाहतीं थीं लेकिन देशभर में एक बार फिर महिलाओं के कपड़े पहनने की आजादी पर बहस शुरू हो गई है। सवाल अब भी वही है कि
- महिलाओं को किस तरह के कपड़े पहनना चाहिए जिससे उन्हें संभावित घटनाओं और हमलों से बचाया जा सके।
- क्या महिलाओं के कपड़े किसी व्यक्ति को अपराध के लिए प्रेरित करते हैं।
- क्या महिलाओं को कपड़ों के लिए किसी आचार संहिता में बांधना चाहिए।
- भारत में महिलाओं के परिधान कैसे हों।