बैगा आदिवासियों का पैकेज कहां गया: हाईकोर्ट

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने बालाघाट, मंडला व डिंडौरी क्षेत्र के मूल बैगा आदिवासियों की स्थिति सुधारने के लिए अब तक उठाए गए ठोस कदमों के सिलसिले में आदिवासी विभाग के सचिव को हर हाल में बाकायदे शपथपत्र पर जवाब पेश करने कहा है। ऐसा न किए जाने की सूरत में आगामी सुनवाई तिथि 5 मई को उन्हें खुद हाजिर होकर कठोर कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।

बुधवार को प्रशासनिक न्यायाधीश राजेन्द्र मेनन व जस्टिस अनुराग कुमार श्रीवास्तव की युगलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता बालाघाट लांजी से समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक किशोर समरीते का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता शोभा मेनन व राहुल चौबे ने रखा।

आर्थिक पैकेज खुर्द-बुर्द
उन्होंने दलील दी राज्य शासन ने बालाघाट, मंडला व डिंडौरी के बैगा आदिवासियों की स्थिति सुधारने के लिए आर्थिक पैकेज जारी किया गया था। जब राशि वास्तविक हितग्राहियों तक नहीं पहुंची तो शिकायतें सामने आईं। जिनके आधार पर जांच कमीशन गठित किया गया। डीजे की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें स्पष्ट किया गया कि सही हितग्राहियों तक ठीक से आर्थिक सहायता नहीं पहुंचाई गई है। इसके आधार पर दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई सुनिश्चित होनी थी। इसके बावजूद ऐसा नहीं हुआ। लिहाजा, हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू को जांच के निर्देश भी जारी कर दिए।

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