ये तो इंदौर पुलिस का गिरफ्तारी घोटाला निकाला

इंदौर। अब तक पुलिस पर घूसखोरी का आरोप लगता था। पुलिस आरोपियों पर धाराएं घटा देती थी। थाने में वीआईपी ट्रीटमेंट दे देती थी। जमानत का विरोध नहीं करती थी, लेकिन ताजा मामले में जो हुआ वो घूसखोरी नहीं घोटाला कहा जाना चाहिए। एक पुलिस अधिकारी ने एक आरोपी को बचाने के लिए किराए के कलाकारों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इसके लिए उन्हें 20 हजार रुपए दिए गए। ताकि पुलिस कार्रवाई भी पूरी हो जाए और असली आरोपी को गिरफ्तार ना करना पड़े। 

मामला विजय नगर थाना क्षेत्र का है। सात दिन पूर्व कमलजीत सिंह निवासी मालवीय नगर पर आरोपी आशीष वैध निवासी बजरंग नगर ने हमला किया था। कमलजीत ने पुलिस को बताया कि उसका हेमंत यादव से 10 लाख का लेनदेन था। उसके इशारे पर ही हमला हुआ। एक दिन बाद आशीष को पुलिस ने पकड़ लिया। उसने भी लेनदेन का विवाद कबूल लिया लेकिन हेमंत ने एसआई से सेटिंग कर मामला दबवा दिया। उसने करण ठाकुर निवासी बजरंग नगर और नितिन निवासी नेहरू नगर को 20 हजार रुपए ठेके पर लिया और थाने पहुंचाया। उनसे कट्टा बरामद करना भी बता दिया। 

दोनों से पूछताछ की तो घटना में शामिल नहीं होना बताया। उनसे 20 हजार रुपए और जमानत की डील की थी। आधी रकम एडवांस भी दे दी थी। इसलिए आशीष के साथ थाने में पेश हो गए। मामले में एक एसआई की भूमिका संदिग्ध है। उन पर पूर्व में भी लेनदेन के आरोप लगे थे। टीआई की शिकायत पर बाणगंगा थाने से हटाया गया था। नितिन और करण के खुलासे के बाद भी पुलिस ने असल आरोपियों के संबंध में तफ्तीश नहीं की। ठेके पर लिए दोनों आरोपियों से कट्टा जब्ती बताया और जेल भेज दिया।
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