जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक जमानत अर्जी इस तल्ख टिप्पणी के साथ खारिज कर दी कि लंबे समय से जेल में रहने का तर्क जमानत हासिल करने के लिए नाकाफी है।
गुरुवार को न्यायमूर्ति सुभाष काकडे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान राज्य शासन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया। दलील दी गई कि आवेदक पंकज रैकवार पर टीकमगढ़ में नाबालिग बच्ची के अपहरण का आरोप है। इसके बाद दुराचार का शिकार बनाया। पुलिस ने इस सिलसिले में उसके खिलाफ 363, 366, 376 और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्घ किया है। उसे 22 नवंबर 2015 को जेल भेज दिया गया था। इसी लंबी अवधि को आधार बनाकर वह जमानत के जरिए जेल से बाहर आना चाहता है। चूंकि अपराध बेहद गंभीर प्रकृति का है, अतः अर्जी खारिज किए जाने योग्य है।