इंदौर में गुंडों के डर से हो रहे हैं बाल विवाह

इंदौर। कानून और व्यवस्था की स्थिति नियंत्रित करने वालों के गाल पर करारा तमाचा मारता हुआ एक प्रकरण प्रकाश में आया है। यहां एक पिता अपनी बेटी का बालविवाह करा रहा था। जब रोका तो उसने बताया कि गुंडे उसकी बेटी को परेशान करते हैं, पुलिस मदद नहीं करती। शादी ही एकमात्र रास्ता है उसकी इज्जत बचाने का। 

हाल ही में महिला सशक्तिकरण की टीम को चंदननगर में बाल विवाह की सूचना मिली। जब प्रशासनिक अधिकारी कार्रवाई करने पहुंचे तो दुल्हन बनी किशोरी का पिता फफक कर रो पड़ा।नाबालिग के पिता का कहना था कि, मेरे परिवार को अच्छी तरह पता है कि 18 साल के पहले लड़की की शादी करना गुनाह है। पर मैं मजबूर हूं। मोहल्ले के लड़के आए दिन लड़की को परेशान करते हैं और फब्तियां कसते हैं। एक सिरफिरे युवक ने तो अपने हाथ की नस भी काट ली थी। इससे घबराकर हमने बेटी की जल्दी से शादी तय कर दी, ताकि घुट-घुटकर जीने से वह बच सके। 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मिनी मुंबई यानी इंदौर शहर में चंदननगर के अलावा आजादनगर, भागीरथपुरा और मूसाखेड़ी जैसे इलाकों में अपराधिक गतिविधियों के डर की वजह से ज्यादातर लड़कियों के बाल विवाह के मामले सामने आए हैं। जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों में करीब 150 से अधिक बाल विवाह रोके, जिनमें ज्यादातर लड़कियों की शादियां मनचलों की दहशत के चलते कम उम्र में ही कराने की बात सामने आई।

पुलिस नहीं करती कार्रवाई
जिस नाबालिग की शादी रुकवाई गई है, उसी के पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने पिछले दिनों उससे शादी करने की जिद में हाथ की नस काट ली थी। नाबालिग लड़की के पिता ने इस संबंध में थाने में भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। 

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