
विद्युत कंपनियों द्वारा 1998 से अनुकंपा पर रोक लगा दी गई थी और अप्रैल 2012 में अनुकंपा नियुक्ति से रोक हटा दी गई वही नई अनुकंपा नीति के तहत इन वर्षों के दौरान मृत कर्मचारियों के परिजनों को नौकरी न दिए जाने के लिए कई कठिन प्रावधान कर दिए हैं। जिसके बाद परेशान होकर आक्रोशित बिजली अनुकंपा आश्रितों ने माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय में शिकायत करते हुए वर्तमान स्थिति से अवगत कराते हुए उनके मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की थी जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को लेटर जारी करते हुए वस्तु स्थिति से अवगत कराने को कहा है साथ ही निर्देश दिए हैं कि अनुकंपा आश्रितों के मामले में अब तक की गई सभी कार्यवाही पर जवाब दिए जाएं तथा इस पोर्टल पर जारी किया जाए
शासन तथा विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा लगातार उपेक्षा किए जाने से व्यथित अनुकंपा आश्रितों ने माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय में अपनी शिकायत भेजी थी जिसके बाद पीएमओ ने पत्र जारी कर मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है।