
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आरपी मिश्रा, प्रमोद मिश्रा और स्वदेश पाण्डेय ने न्यायालय को बताया कि पूर्व कलेक्टर नरवाल ने एक ही प्रकृति के दो अलग-अलग मामलों में विरोधाभासी निर्णय दिए। पहला प्रकरण मप्र भू- राजस्व संहिता 1959 की धारा 129 के तहत सीमांकन आदेश और दूसरे प्रकरण में धारा 250 के स्थगन आदेश के विरुद्ध था। परिवादी ने न्यायालय से नरवाल के खिलाफ धारा 166, 167, 420, 217, 218, 219 एवं 220 के तहत प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी। तथ्यों पर विचारण के बाद न्यायालय ने माधवनगर पुलिस को जांच करने व कार्रवाई प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
ये है मामला
कृषक सुरेन्द्र सिंह ने बिलहरी तहसीलदार के सीमांकन आदेश के खिलाफ कलेक्टर न्यायालय में पुनरीक्षण पेश किया था। कलेक्टर न्यायालय ने यह आदेश करते हुए उसे निरस्त कर दिया कि स्वप्रेरणा से पुनरीक्षण के अधिकार कलेक्टर को हैं। आवेदन दिए जाने पर पुनरीक्षण का अधिकार राजस्व मंडल को है। कलेक्टर न्यायालय में ही सुखचैन विरुद्ध अनिल बगैरह के प्रकरण में कलेक्टर न्यायालय ने गुण-दोषों के आधार पर अंतिम आदेश पारित कर दिया था। उक्त प्रकरण सुखचैन ने तहसीलदार के आदेश के खिलाफ कलेक्टर न्यायालय में पेश किया था।
याचिकाकर्ता के आरोप
याचिकाकर्ता ने तत्कालीन कलेक्टर के खिलाफ पदीय कर्तव्यों के विपरीत कार्य, न्यायिक कार्रवाई में विधि के प्रतिकूल भ्रष्ट आदेश देने का आरोप लगाया है।