फंस गए बच्चन: टेली कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए फर्जी कंपनियों की मीटिंग में थे बिगबी

नई दिल्ली। पनामा पेपर्स मामले में महानायक अमिताभ बच्चन का नाम एक बार फिर उछला है। दरअसल, इस बारे में अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्स्प्रेस ने खुलासा किया था कि 1993 और 1997 के बीच अमिताभ दो शिपिंग कंपनियों के डायरेक्टर रहे। खबर प्रकाशित होने के बाद अमिताभ सामने आए और बयान जारी कर रहा कि यह सब गलत है। उनका उक्त कंपनियों से कोई संबंध नहीं। उन्होंने आशंका जताई थी कि हो सकता है कंपनियों ने उनके नाम का गलत इस्तेमाल किया हो।

अब इंडियन एक्सप्रेस ने सबूत पेश किए हैं कि किस तरह अमिताभ न केवल दोनों कंपनियों के डायरेक्टर थे, बल्कि कंपनियों की बोर्ड मीटिंग में फोन के जरिए शामिल भी हुए थे। इनमें से एक मीटिंग 1.75 मिलियन डॉलर के लोन ट्रांंसफर को लेकर थी।

अखबार की तहकीकात के मुताबिक, ट्राम्प शिपिंग लिमिटेड (बहमास) और सिल्क बल्क शिपिंग लिमिटेड (ब्रिटिश वर्जिन आयरलैंड) की यह बैठक 12 दिसंबर 1994 को हुई थी। अमिताभ ने टेलिफोन कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इनमें हिस्सा लिया था। दोनोंं कंपनियों के डायरेक्टर के तौर पर अमिताभ का नाम दर्ज है।

क्या है मामला
इस माह के शुरू में पनामा स्थित लॉ फर्म मोसेक फोंसेका के दस्तावेज लीक होने से टैक्स हैवेन में अपना धन छिपानेवाले नामचीन भारतीयों का नाम सामने आया था। इस खुलासे से सनसनी फैल गई है। सामने आए नामों में बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन, डीएलएफ के केपी सिंह, ऐश्वर्या रॉय बच्चन, उद्योगपति अदानी के बड़े भाई और इकबाल मिर्ची शामिल हैं।
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