
दरअसल, केंद्रीय परिवहन मंत्रालय इस प्रस्ताव पर विचार कर रहा है कि वाहन चलाकर दुर्घटनाओं को अंजाम देने वाले नाबालिगों के बजाय उनके माता-पिता को सजा दी जाए। इस संबंध में 22 अप्रैल को दिल्ली में होने वाली राज्य परिवहन सचिवों की बैठक में विचार किया जाएगा।
सूत्रों के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, परिवहन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यदि कोई बच्चा वाहन चला रहा है यानी उसके माता-पिता को इसकी जानकारी है और एक तरह से उन्होंने इसकी सहमति दे रखी है। प्रस्ताव पर सहमति बनती है तो मोटर व्हीकल्स एक्ट में बदलाव किया जाएगा। दोषी बच्चों से सबक सिखाने के लिए समाज सेवा कराई जाएगी।
राज्यों से विचार-विमर्श के दौरान माता-पिता को दी जाने वाली सजा पर भी बात होगी। सूत्रों के मुताबिक, राज्यों की सहमति के बाद ही नितिन गडकरी की अध्यक्षता वाला यह मंत्रालय इस दिशा में आगे बढ़ेगा। अंतिम फैसला 29 अप्रैल को होने वाली बैठक में लिया जा सकता है।
राजधानी दिल्ली में बीते दिनों 12 साल के छात्र ने अपने पापा की मर्सिडिज कार से 33 वर्षीय युवक को कुचल दिया था। इसके बाद से मांग उठ रही है कि ऐसे हादसों के लिए माता-पिता को दोषी माना जाए और उन्हें सजा दी जाए।