
जानकारी के मुताबिक रिश्वत वारंट तामीली, बोरिंग करवाने, आर्म्स लाइसेंस और चरित्र सत्यापन के लिए ली गई है। कथित स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो व्हाट्सएप और यूट्यूब पर वायरल कर दिया गया है। इसमें दावा किया गया है कि स्टिंग की शुरुआत जनवरी में की गई थी।
इसमें मानपुर थाने के हेड कांस्टेबल जगदीशचंद्र डाबर, चंद्रवतीगंज के गोविंद सिंह, सीएसपी (मल्हारगंज) के रीडर फूलचंद, राऊ थाने के एसआई आरएस यादव, कनाड़िया के एएसआई एसएन कटियार, मांगलिया चौकी के हेड कांस्टेबल संतोष, द्वारकापुरी के ताज मोहम्मद, चंदन नगर थाने के एसआई डीएल रघुवंशी और हेड कांस्टेबल वायएस रघुवंशी को अलग-अलग काम के बदले रुपए लेते कैद किया गया है।
वीडियो बनाने वालों ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी बनकर पूरा स्टिंग किया है। इसमें रुपए सीएसपी और टीआई के नाम पर लेना बताया जा रहा है। इस खुलासे के बाद डीआईजी ने एएसपी को जांच के निर्देश दिए हैं। डीआईजी के मुताबिक अवैधानिक कार्य करने वाले किसी भी व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा। वीडियो का परीक्षण कर उचित कार्रवाई की जाएगी।