शासकीय सेवकों को त्रुटिवश हुए अधिक भुगतान की वसूली निषेधित

भोपाल। मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री एवं स्वास्थ्य कर्मचारी समिति के प्रांतीय अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण शर्मा, क्लास थ्री के उप प्रांताध्यक्ष रविकांत बरोलिया एवं अधिकारी कर्मचारी महासंघ के प्रदेष अध्यक्ष रघुवीर प्रसाद शर्मा ने एक संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर बताया कि सचिव, मध्यप्रदेश शासन वित विभाग ने सभी विभागाध्यक्षों को निर्देश जारी किये है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को विचार में लेते हुए गुणदोष के आधार पर विभाग के स्तर से उपयुक्त आदेश वेतन निर्धारण में लापरवाही अथवा जानबूझकर गडबडी की स्थिति होने पर वेतननिर्धारण करने व उसका अनुमोदन करने वाले अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही कर उनसे राशि वसूली की जायें ।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपीलन क्रमांक  11527/ 2014 स्टेट आफ पंजाब विरूद्ध रफीक मसीह में पारित निणर्य में शासकीय सेवकों को त्रुटिवश हुुए अधिक भुगतान की वसूली निषेधित की है। उक्त वसूली का निषेध तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, सेवानिवृत्त अथवा एक वर्ष में सेवा निवृत्त होने वाले कर्मचारी, रिकवरी आदेश जारी होने के पांच वर्ष पूर्व अधिक भुगतान प्राप्त कर्मचारी, ऐसे कर्मचारी जिन्हें गलत तरीके से पदोन्नत कर दिया गया हो।

विदित हो कि वर्तमान में गलत वेतननिर्धारण होने पर सेवानिवृत्ति के समय तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से भारी भरकम वसूली की जाती है तथा वसूली जाने वाली राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज भी वसूल किया जाता है जिससे इन शासकीय सेवकों के सामने गम्भीर आर्थिक संकट खडा हो जाता है। वित विभाग के उक्त निर्देषों से प्रदेश के सैकडों तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राहत मिलेंगी।

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