अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली तो चोरियां करने लगी

भोपाल। राजधानी में एक युवती को बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उसने अब तक 3 स्कूटर्स की चोरी की है। उसके पिता फारेस्ट विभाग में थे और कुछ समय पहले उनकी मौत हो गई थी। विभाग ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए चक्कर लगवाए, घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया। उसने प्राइवेट नौकरी भी की लेकिन वो भी छूट गई। अंतत: उसने चोरी करना शुरू कर दिया। अब तक उसने उतनी ही चोरियां कीं जितनी की परिवार चलाने के लिए जरूरी थीं। कानून भले ही उसे अपराधी करार दे परंतु उसे चोर बनाने वाला है मप्र का घूसखोर सिस्टम जो जरूरतमंदों की कतई मदद नहीं करता। 

कैसे पकड़ी गई
गुरुवार को आयकर भवन से प्रेमलता पांडे की स्कूटी चोरी हुई थी। स्कूटी की चाबी गाड़ी में ही लगी रह गई थी। प्रेमलता पांडे के मुताबिक वह करीब तीन बजे के आसपास आयकर भवन पहुंची। जल्दी-जल्दी में गाड़ी में चाबी लगी छूट गई। अंदर जाकर कुछ देर बाद उन्हें याद आया कि कुछ कागज गाड़ी में छूट गए हैं। वे कागज लेने वापस स्कूटी के पास गईं, तो गाड़ी वहां नहीं थी। उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। महिला पुलिस आयकर भवन पहुंची और सीसीटीवी फुटेज खंगाले। सीसीटीवी फुटेज में एक लड़की गाड़ी चोरी करते हुए दिखाई दी। फुटेज में लड़की के कपड़े पहचान में आ रहे थे।

कपड़ों से पहचानी गई 
शनिवार को प्रेमलता पांडे और अन्य पुलिस बल के साथ एमपी नगर में गाड़ी ढूंढ रहे थे। तभी प्रेमलता को सीसीटीवी फूटेज में लड़की द्वारा पहने कपड़े जैसे कपड़े पहने एक लड़की दिखाई दी। उसने पुलिस को बताया। पुलिस ने जाकर लड़की से पूछताछ की तो वह घबराकर भागने लगी। थोड़ी देर तक लड़की ने कुछ नहीं बताया लेकिन जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो उसने चोरी स्वीकार कर ली। पूछताछ में लड़की ने बताया कि उसने जुलाई 2015 में महिला पोलीटेक्निक कॉलेज से भी एक गाड़ी चुराई थी।

दो साल पहले हुआ था पिता का निधन
आरोपी लड़की के पिता का दो साल पहले निधन हो चुका है। उसके पिता फॉरेस्ट विभाग में थे। पिता की मौत के उसे आज तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिली। उसके घर में मां और तीन बहनें हैं। तीनों ही फिलहाल बेरोजगार हैं और घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। लड़की होशंगाबाद रोड पर बागमुगालिया इलाके की रहने वाली है। वह मुंबई में कुछ दिन रिसेप्शनिस्ट की जॉब करके वापस आ गई थी।

सरकार क्या अपना धर्म निभाएगी
अब मप्र सरकार का पुलिस विभाग उसे न्यायालय में पेश करेगा। मुकदमा चलाया जाएगा और सजा भी दिलाई जाएगी लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार उसे उसकी अनुकंपा नियुक्ति देगी। यदि उसे नहीं दे सकती तो उसकी छोटी बहन को। क्या जिस मुस्तैदी से पुलिस विभाग सजा दिलाने के लिए काम करेगा उसी मुस्तैदी से वनविभाग अनुकंपा नियुक्ति के लिए भी काम करेगा। आखिर सरकार तो एक ही है। सीएम भी एक ही। 
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