
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज कलेक्ट्रेट में आयोजित जिलास्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक से निकलकर करीब 2.30 बजे सर्किट हाउस के लिए रवाना हुईं। इसी बीच काफिले के साथ-साथ चल रहे दो बाइक सवार युवकों ने उनकी कार पर काले झंडे फेंके और रफूचक्कर हो गए। कलेक्ट्रेट पहुंचकर सुषमा स्वराज ने कहा कि,'मुझे मालूम पड़ा था कि सर्राफा व्यापारी मुझे काले झंडे दिखाना चाहते हैं। मैं बातचीत के लिए तैयार थी।'
छावनी बना दिया था प्रदर्शन स्थल
बड़ा बाजार में सर्राफा व्यापारी पिछले एक महीने से धरना दे रहे हैं। उन्होंने पहले ही सुषमा स्वराज को काले झंडे दिखाने का ऐलान किया था। शुक्रवार शाम को सीएसपी एनके पटेरिया और एसडीएम आरपी अहिरवार ने संयुक्त सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष चौधरी प्रकाश सर्राफ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था। जिला और पुलिस प्रशासन ने व्यापारियों को चेतावनी दी थी। शनिवार को व्यापारियों के धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिस ने किसी आशंका के मद्देजन 60-70 व्यापारियों को गिरफ्तार करके विदिशा से करीब 13 किमी दूर एक करारिया थाने में रखा गया था। धरना स्थल को छावनी बनते देख व्यापारियों ने अपनी रणनीति बदली और दो-चार करके वहां से निकलने लगे। हालांकि ज्यादातर पकड़ लिए गए।
कलेक्ट्रेट और सर्किट हाउस की भी किलेबंदी थी
कलेक्ट्रेट और सर्किट हाउस पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। व्यापारियों को पहचान-पहचानकर पकड़ा गया। हालांकि पुलिस को भी आशंका नहीं थी कि सर्राफा व्यापारी बाइक पर काफिले के साथ-साथ चलते हुए विदेश मंत्री को काले झंडे दिखा देंगे।