
याद दिला दें कि श्रावण मास के सोमवार को श्रीमती साधना सिंह अपनी सहेलियों के साथ महाकाल मंदिर पहुंची। उन्होंने अपना वाहन भी वहां तक ले जाकर पार्क किया जहां मंदिर प्रबंधन की ओर से प्रवेश वर्जित था। इसी महाकाल मंदिर में कई नेताओं ने श्रावण मास में मंदिर की व्यवस्थाएं भंग करते हुए गर्भगृह के भीतर रहकर भस्मारती ली थी।
दरअसल यह सबकुछ लोकप्रियता बटोरने की कवायद है। इधर सीएम ने प्रॉटोकॉल के बिना सामान्य श्रृद्धालु की तरह दर्शन किए उधर सरकारी अफसर इस खबर को अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित करने की कवायद करने लगे। अब आप ही बताइए, एक सामान्य श्रृद्धालु के दर्शन की खबरें छपतीं हैं क्या कभी।