भोपाल। पहली नज़र में देखने पर ये तस्वीरें अफ्रीका के किसी गरीब कबीले की लग सकती हैं लेकिन यह भारत के मध्य में बसे बुंदेलखंड की है। यहां 6 सालों में 3223 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जबकि 62 लाख से ज़्यादा लोग पलायन कर अपने पीछे छप्पर और मिट्टी वाले कच्चे मकान छोड़ गए हैं। यहां सूखे का आलम यह है कि लोग भूख मिटाने के लिए घास से बनी रोटियां और पोखरों से पानी निकाल कर पीने को मजबूर हैं।पोखरों का पानी पी रहे हैं बुंदेलखंड के किसान
April 15, 2016
भोपाल। पहली नज़र में देखने पर ये तस्वीरें अफ्रीका के किसी गरीब कबीले की लग सकती हैं लेकिन यह भारत के मध्य में बसे बुंदेलखंड की है। यहां 6 सालों में 3223 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जबकि 62 लाख से ज़्यादा लोग पलायन कर अपने पीछे छप्पर और मिट्टी वाले कच्चे मकान छोड़ गए हैं। यहां सूखे का आलम यह है कि लोग भूख मिटाने के लिए घास से बनी रोटियां और पोखरों से पानी निकाल कर पीने को मजबूर हैं।| भोपाल समाचार से जुड़िए |
| कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें |
| टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें |
| व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए यहां क्लिक करें |
| X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें |
| फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें |
| समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com |
| जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289 |
Tags
