नईदिल्ली। सरकारी नौकरी मिलने के बाद कर्मचारी कुर्सी से चिपक जाते हैं। उस पर अपना अधिकार जताने लगते हैं परंतु वक्त के साथ अपने काम करने की क्षमता और तरीका नहीं बदलते। उत्तरप्रदेश के देवरिया पुलिस कप्तान ने यह जानने के लिए उपलब्ध थानेदारों में थानेदारी की क्षमता है भी या नहीं, एक Police efficiency test कराया। परिणाम वही आया जिसकी उम्मीद थी। ज्यादातर थानेदार फेल हो गए। अब महकमे में खलबली मच गई है।
पुलिस दक्षता परीक्षा बीते 14 अप्रैल को आयोजित की गयी थी। परीक्षा में जिले के 18 थानों में तैनात कुल 87 दारोगा शामिल हुए थे। एसपी ने प्रभाकर चौधरी ने कहा कि जो थानेदार मानक से कम अंक पाए हैं। उन्हें उनके पद से हटाया जाएगा और जो मेरिट लिस्ट में हैं उनको जल्द उनके स्थान पर तैनात किया जाएगा।
अब सवाल यह है कि क्या ऐसी परीक्षाएं सारे देश में और हर विभाग में होना चाहिए। ताकि योग्य कर्मचारियों को उचित स्थान मिले और घूस या दूसरे रास्तों ने नौकरी पा चुके कर्मचारियों की पोल भी खुल जाए। आपकी राय महत्वपूर्ण है। कृपया अवश्य दर्ज कराएं।