
डॉन अखबार की खबर के अनुसार, पीड़ित के पिता का दावा है कि मामला दर्ज होने और फिर मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जिरगा के जरिये विवाद हल करने के लिए मजबूर किया गया और गेहूं के 30 ढेर बतौर मुआवजे देने का वादा भी किया गया। जानकारी के लिए आपको बताते चलें कि पिता ने बताया कि जिरगा स्थानीय प्रभावशाली नेताओं की निगरानी में हुई।मुआवजा ठुकराने पर उन्हें परिवार सहित इलाके से जाने के लिए बाध्य किया गया।
खबरों के अनुसार, पिता ने आरोप लगाया कि स्थानीय मीडिया में खबर आने के बाद वहां के लोगों ने उन्हें चुप रहने और मामला वापस लेने के लिए भी धमकाया। गौरतलब है कि पुलिस ने एक वरिष्ठ अधिकारी को मामले की जांच करने और पीड़ित के परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया है।