केंद्र सरकार ने देशभर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के तहत आने वाली इमारतों में लगने वाला प्रवेश शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है. संशोधित शुल्क शुक्रवार से लागू हो गया। इस तरह अब दिल्ली के लालकिले से लेकर मध्यप्रदेश के धार जिले के ऐतिहासिक मांडू महल का दीदार करना महंगा हो गया है।
संस्कृति मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, 'शुल्क वृद्धि आम जनता, टूर और ट्रैवल संघों और पर्यटन मंत्रालय से टिप्पणी और सुझाव बाद संशोधित किया गया है.' बयान के मुताबिक, भारतीय नागरिकों और दक्षेस और बीआईएमएसटीईसी देशों (बांग्लादेश, भारत, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान और नेपाल) के नागरिकों के लिए विश्व विरासत स्मारकों का प्रवेश शुल्क 10 रुपये से बढ़ा कर 30 रुपये कर दिया गया है, जबकि अन्य स्मारकों के प्रवेश शुल्क पांच रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये कर दिया गया है.
इसी तरह अन्य सभी देशों के नागरिकों के लिए विश्व विरासत स्मारकों और अन्य स्मारकों हेतु प्रवेश शुल्क क्रमश: 250 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये और 100 रुपये से बढ़ा कर 200 रुपये कर दिया गया है. अधिक कीमत वाले टिकट धारकों (300, 500, 750) के लिए एक अलग कतार की सुविधा रहेगी. सरकार ने एएसआई स्मारकों को देखने आने वाले पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का फैसला किया है. बयान में कहा गया है, 'बेहतर सुविधाओं के रूप में मुफ्त बोतलबंद पानी, वाई-फाई, स्मृति चिन्ह और चित्रों व फिल्मों की सीडी 300 रुपये और 750 रुपये टिकट वाले पर्यटकों को दिए जाएंगे.'