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ताने सुन परेशान होने के बजाए प्रमिला ने खुद पढ़ाई शुरू की और धीरे-धीरे गांव की कई बुजुर्गों-महिलाओं को जोड़ा। इतना ही नहीं सरपंच प्रमिला ने अपने नाम पर 24 लाख का कर्ज लेकर गांव के हर घर से स्कूल तक शौचालय बनवाए।
बलौदाबाजार रोड पर रायपुर से लगे सारागांव में छह माह पहले 70 फीसदी घरों में शौचालय नहीं थे। स्कूल में छात्राओं के लिए कोई सुविधा नहीं थी। तब प्रमिला साहू सरपंच बनी थीं। सबसे पहले उसने हर घर में शौचालय बनवाने की ठानी। पति ने पूरी मदद की और कुछ महिलाओं के साथ निकल पड़ी लोगों को समझाने के लिए। आखिर में उनकी मेहनत रंग लाई।