छोटी SAVING योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती ने निवेशकों की चिंताएं बढ़ा दी है। नया वित्तीय वर्ष (2016-17) शुरू होते ही अब विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर 0.60 से 1.30 फीसदी कम ब्याज मिलेगा। इससे 1.5 लाख रुपये का सालाना निवेश करने वाले ग्राहकों को पंद्रह साल की बचत पर दो लाख रुपये तक का घाटा हो सकता है। यह स्थिति तब है जब देश में निवेश की जाने वाली राशि का 60 फीसदी डाकघर से आता है। विशेषज्ञों की मानें तो सरकार के इस नये फैसले से छोटी बचत योजनाओं से कॉरपस फंड घटेगा, वही बैंकों पर निर्भरता बढ़ेगी। हालांकि इससे निवेश के नये विकल्प खुलेंगे और निवेशक लघु बचत योजनाओं से परे सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में निवेश करेंगे।
PPF में 15 साल
डाक विभाग से सालाना डेढ़ लाख रुपये का निवेश करने पर पुरानी ब्याज दर पर 46.80 लाख रुपये मिलते, लेकिन नयी ब्याज दर पर 44.70 लाख रुपये ही मिलेंगे।
FD में 05 साल
डाक विभाग में 10 लाख रुपये की एफडीकराने पर पुरानी ब्याज पर 15 लाख 03 हजार 990 रुपये मिलते, लेकिन नये ब्याज दर पर 14 लाख 62 हजार 840 रुपये ही मिलेंगे।
RD में 05 साल
डाक विभाग में हर महीने ~ 10 हजार जमा कराने पर पुरानी ब्याज दर पर 07 लाख 46 हजार 530 रुपये मिलते, लेकिन नये ब्याज दर पर 7 लाख 26 लाख 990 रुपये ही मिलेंगे।
अब कहां कर सकते हैं आप निवेश
सीए पटना चैप्टर के अध्यक्ष राजेश कुमार खेतान के मुताबिक निवेशकों को पहले निवेश की अवधि का चयन करना होगा। उनको अपने निवेश को प्रमुखतया दो भागों अल्पकालिक और दीर्घकालिक निवेश में बांटना होगा। निवेश की लिक्विडिटी का भी ध्यान रखना होगा।
यदि निवेशक अल्पकालीन अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं तो साधारण बचत योजनाओं के लिए अलावा बैंक के फिक्सड डिपॉजिट या फिर स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हैं। बैंक के फिक्सड डिपॉजिट पर जोखिम कम होता है, अत: रिटर्न भी सीमित होता है। जबकि स्टॉक मार्केट में निवेश जोखिम भरा है परंतु यहां निवेश पर अच्छे रिटर्न की काफी संभावना रहती है। इसके अलावा बुलियंस (GOLD AND SILVER) में भी निवेश किया जा सकता है। निवेशकर्ता को लिक्विडिटी को ध्यान में रखते हुए अल्पकालीन अवधि में अपने निवेश को अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुरूप बांटना चाहिए।
GOLD एक बेहतर ऑप्शन
सदियों से सोना निवेश का बेहतर ऑप्प्शन रहा है। हालांकि जब से इसकी कीमतें वायदा बाजार व विदेशी कारकों पर निर्भर हुई हैं, इसमें निवेश का आकर्षण कम हुआ है। पिछले एक दशक में एफडी, पीपीएफ, शेयर बाजार आदि की तुलना में बहुत की कम रिटर्न दिया है। फिर भी दीर्घकालीन निवेश के लिहाज से यह काफी उपयुक्त है।
दीर्घकालीन अवधि के लिए SIP में इन्वेस्टमेंट होगा बेहतर
श्री खेतान ने बताया कि दीर्घकालीन अवधि के लिए ऊपर सुझाये गये निवेश के अलावा कई आकर्षक इंश्योरेंस स्कीम, म्युचुअल फंड विशेषकर एसआइपी (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) को अपनाया जा सकता है। निश्चित आय वाले निवेशकर्ता को अपने सुविधानुसार अपने निवेश पोर्टफोलियो का एक हिस्सा एसआइपी में अवश्य करना चाहिए। पूर्व में एसआइपी पर औसत रिटर्न 15 से 20 प्रतिशत तक भी रहा है।
REAL ESTATE बेहतरीन है
यदि निवेशकर्ता को लिक्विडिटी की बहुत जरूरत न हो रियल इस्टेट सेक्टर में भी आज के रेट पर दीर्घकाल के लिए निवेश करना फायदे का सौदा हो सकता है। रियल इस्टेट सेक्टर अभी मंदी के दौर से गुजर रहा है।
सभी संपत्तियों के दाम 20 से 25 फीसदी तक नीचे आ गये हैं। ऐसे में रियल इस्टेट में निवेश भी बड़े फायदे का सौदा साबित हो सकता है। यहां निवेशकर्ता को निवेश करते समय प्रोजेक्ट व बिल्डर के बारे में पूरी जानकारी पूर्व में प्राप्त करनी जरूरी है।