
शताब्दी करीब 100 की स्पीड से भाग रही थी और मासूम अपनी जान जोखिम में डाले दरवाजे पर लटका हुआ था। इसी दौरान कुछ यात्रियों की नजर पड़ी। उन्होंने तत्काल सर्विस स्टाफ को सूचना दी। चेन खींची गई तब कहीं जाकर उसे अंदर लिया जा सका। लगभग 15 किमी तक वह चलती ट्रेन में लटका रहा।
बच्चे ने अपना नाम गोलू बताया है। वह भोपाल घूमने आना चाहता था। उसके पिता मनावल रैकवार गंजबासौदा में हलवाई हैं। वहीं मां झाड़ू-पौछा का काम करती हैं।