
राजभवन ने डॉ. शर्मा के मामले में विभाग से मामलों पर जानकारी मांगी थी। दरअसल, विभागीय जांच में मिली सजा के खिलाफ राज्यपाल से अपील की जा सकती है, लेकिन डॉ.शर्मा के मामले में अभी जांच जारी है। उधर, लोकायुक्त संगठन ने भी कृषि विभाग से अनियमितता के दो मामलों में पूरे दस्तावेज ले लिए हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही डॉ.शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है।
डॉ.शर्मा के खिलाफ कृषि विभाग में तीन विभागीय जांच शुरू हो गई हैं। इसमें कोदो कुटकी प्रसंस्करण केंद्रों के लिए ढाई करोड़ के उपकरण खरीदने, संकर मक्का बीज की नियम विरुद्ध खरीदी और खाद कंपनियों को अधिकार न होने पर भी करोड़ों रुपए की सब्सिडी जारी करना शामिल है। इसके अलावा कम्प्यूटर ऑपरेटर की भर्ती का काम अपात्र संस्था को देने के प्रकरण में डॉ.शर्मा को आरोप पत्र दिया जा चुका है। इसका जवाब डॉ.शर्मा ने नहीं दिया है।
जबलपुर की कीटनाशक प्रयोगशाला के लिए डेढ़ करोड़ रुपए के उपकरण खरीदी मामले में नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। उपकरण लघु उद्योग निगम से खरीदे जाने थे पर डॉ.शर्मा ने भंडार क्रय नियमों को दरकिनार करते हुए एमपी एग्रो से खरीद लिए। उधर, विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में दर्ज दो प्राथमिक जांचें भी पूरी हो गई हैं। दोनों प्रकरणों में नियमों का उल्लंघन पाया गया है।
बताया जा रहा है कि दोनों मामले में जल्द ही एफआईआर हो सकती है। वहीं, आय से अधिक संपत्ति के मामले में दस्तावेजों की जांच का काम अंतिम दौर में है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डॉ.शर्मा के खिलाफ अभी जांच चल रही हैं। दो मामलों में उन्होंने जवाब नहीं दिया है। किसी भी मामले में सजा नहीं सुनाई गई है। जब सजा ही तय नहीं हुई है तो फिर अपील का कोई मतलब ही नहीं रह जाता है।