
इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव अंटोनी डिसा की चर्चा भी हो चुकी है। बताया जा रहा है कि कमिश्नर के दो खाली पदों को भरने के अलावा ग्वालियर, चंबल और इंदौर कमिश्नर बदले जा सकते हैं, वहीं मंत्रालय में दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे अफसरों को भी अतिरिक्त प्रभार से मुक्त करना है।
एक दर्जन अफसरों के प्रमुख सचिव बनने के बाद से ही प्रशासनिक फेरबदल की अटकलें लगाई जा रही हैं। सूत्रों के मुताबिक दो-तीन बार सूची भी तैयार हो चुकी है, पर इसे अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। व्हीके बाथम को हटाने से नर्मदापुरम् और आरके माथुर के सेवानिवृत्त होने से सागर कमिश्नर के पद खाली हैं।
मंत्रालय में कुछ प्रमुख सचिव अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं, तो महत्वपूर्ण पदों पर भी प्रभारी से काम चलाया जा रहा है। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अपर मुख्य सचिव अरुणा शर्मा और प्रवीर कृष्ण के केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर जाने के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ उद्यानिकी विभाग प्रभार में चल रहे हैं। पंचायत और विकास आयुक्त का पद भी खाली पड़ी हुआ है, जबकि ये दोनों विभाग काफी अहम हैं।
यही वजह है कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति जैसा महत्वपूर्ण विभाग संभालने के बावजूद अशोक वर्णवाल को उद्यानिकी विभाग का जिम्मा सौंपा गया। इसी तरह हाल ही में प्रमुख सचिव बनीं अलका उपाध्याय को ग्रामीण विकास की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हालांकि, यहां पूर्णकालिक अधिकारी की नियुक्ति प्रस्तावित है। बताया जा रहा है कि इंदौर कमिश्नर संजय दुबे को मंत्रालय में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। मंत्रालय के गलियारों में ग्वालियर कमिश्नर केके खरे और चंबल कमिश्नर शिवानंद दुबे को बदले जाने की सुगबुगाहट है। बताया जा रहा है कि राजनीतिक समीकरणों के मद्देनजर दूसरे अफसरों को वहां ले जाने की तैयारी है।