भोपाल। 'मैं महापौर आलोक शर्मा बोल रहा हूं। दादागिरी कर रहे हो। पहलवान हो। किस नेता का हाथ है सिर पर। ये गुंडागर्दी नहीं चलेगी। रेलिंग नहीं लगने दे रहे हो। नगर निगम के काम को रोकोगे। कर्मचारियों से मारपीट करोगे। बहुत शिकायतें आ रही हैं। इसलिए मुझे आना पड़ा। आपकी मोनापाली नहीं चलेगी। यहां जनता की सुविधा के लिए रेलिंग लगेगी और आज से बसें भी अंदर खड़ी होंगी। यह आखिरी बार समझा रहा हूं। कल से शिकायत मिली तो बसें भी जब्त कराऊंगा और थाने में एफआईआर भी कराऊंगा, भोपाल में कोई नहीं बचा पाएगा।'
यह चेतावनी महापौर आलोक शर्मा ने गुरुवार को आईएसबीटी के औचक निरीक्षण के दौरान वर्मा ट्रेवल्स के मालिक दीपक वर्मा को दी। बीसीएलएल के कर्मचारियों ने बताया कि यहां बैरिकेट्स और रेलिंग लगनी है, इसके लिए गड्ढे करते हैं, तो इनके कर्मचारी गड्ढे भर देते हैं और मना करो तो लड़ने लगते हैं। इसके बाद महापौर आईएसबीटी के अंदर पहुंचे।
यहां कर्मचारियों ने शिकायत की कि एक अन्य ऑपरेटर स्कॉर्पियो लेकर अंदर आता है। मना करने पर विवाद करता है। यहां भी संबंधित व्यक्ति को चेतावनी दी कि आज के बाद निजी गाड़ी (स्कॉर्पियो) आईएसबीटी के अंदर नहीं आएगी। यह नियम सभी के लिए है। अन्यथा गाड़ी भी जब्त होगी और एफआईआर भी कराएंगे।
गौरतलब है कि वर्मा ट्रेवल्स और हंस ट्रेवल्स की बसें बाहर खड़ी होकर यात्रियों को बैठाती हैं, जबकि बीसीएलएल गत एक महीने से लगातार सभी बसों को अंदर से यात्रियों को बैठाने के निर्देश दे रहा है। इस मुद्दे को लेकर ऑपरेटर के कर्मचारियों और बीसीएलएल के कर्मचारियों में विवाद भी हो चुका है। इस पर कई बार एमआईसी सदस्य केवल मिश्रा ने भी समझाइश दी थी, लेकिन ऑपरेटर अपने रसूख के आगे मनमानी पर उतारू हैं।