
आज सदन के शुरू होते ही पहला प्रश्न भाजपा विधायक राजेन्द्र वर्मा का था। उन्होंने खंडवा ट्रैफिक पुलिस में पदस्थ डीएसपी पर तानाशाही और मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि वे लोगों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं। यातायात व्यवस्था के नाम पर हरे पेड़ काटे जा रहे हैं। पूरे शहर में वन वे कर दिया गया है जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। वर्मा ने कहा कि डीएसपी को हटाने को लेकर शहर में धरना, प्रदर्शन और बंद तक आयोजित हो चुके हैं और वे खुद आला अफसरों से मिल चुके हैं पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। गृह मंत्री बाबूलाल गौर का कहना था कि हरे पेड़ नहीं काटे जा रहे हैं और वहां यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए पुलिस व्यवस्था कर रही है।
जांच कराने में सरकार को क्या तकलीफ: वर्मा
विधायक वर्मा ने आरोप लगाया कि डीएसपी तानाशाही चला रहे हैं और बात करने पर सीधे तबादला करा देने की बात कहते हैं। उनका कहना था कि आखिर सरकार को उन्हें वहां से हटाकर जांच कराने में क्या तकलीफ है। गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने कहा कि आप लिखकर दें दें, हम भोपाल से अधिकारी भेजकर जांच करा लेंगे दूसरी विधायक राजेन्द्र वर्मा अपनी मांग पर अड़े रहे। उनके समर्थन में भाजपा के राजेन्द्र पांडे समेत सत्ता पक्ष और विपक्ष के कई विधायक खड़े हो गए। विधायको का कहना था कि जनप्रतिनिधि के कहने पर एक अधिकारी को वहां से हटाने में दिक्कत क्या है। इसके बाद सदन में हंगामा होने लगा और अध्यक्ष के समझाने पर भी विधायक अपनी सीट पर बैठने को तैयार नहीं हुए। हंगामा बढ़ा देख अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी।