मप्र उच्च शिक्षा विभाग की तबादला नीति लागू

भोपाल। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के प्रिंसिपल को अब स्थानांतरण के बाद किसी भी स्थान पर तीन साल और शिक्षकों व कर्मचारियों को पांच साल तक रहना होगा। हालांकि प्रशासकीय आवश्यकता और शिकायत व गंभीर आराेपों के मामले में यह नियम लागू नहीं होगा।

उच्च शिक्षा विभाग ने सरकारी कॉलेजों के कर्मचारियों के लिए तबादला नीति लागू कर दी है। इसके अनुसार, नए सत्र में शिक्षकों के जो भी ट्रांसफर होंगे वे कॉलेजों में अध्ययनरत छात्रों की संख्या के आधार पर ही होंगे। तबादला नीति के अनुसार, प्राचार्यों, शिक्षकों और कर्मचारियों के ट्रांसफर जुलाई में शुरू होने वाले शैक्षणिक सत्र से पहले यानी 15 अप्रैल से 31 मई के बीच ही किए जाएंगे।

अभी तक उच्च शिक्षा विभाग की अपनी कोई तबादला नीति नहीं होने से शिक्षकों के ट्रांसफर की कोई निश्चित अवधि तय नहीं थी। इससे शिक्षक एक या दो साल में ही वापस अपने पुराने स्थान पर वापस आ जाते थे। हालांकि विभाग की इस तबादला नीति में शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के ट्रांसफर की स्थिति स्पष्ट नहीं होने से अभी भी असमंजस है। पिछले साल हुए ट्रांसफर के बाद शिक्षक संघ की ओर से ही सबसे ज्यादा कोर्ट में केस दायर किए गए थे।

  • तबादला नीति में खास...
  1. प्रतिबंध अवधि के दौरान मुख्य रूप से न्यायालयीन निर्णय के अनुपालन, गंभीर शिकायतों, रिक्त स्थान की पूर्ति, पदोन्नति, प्रतिनियुक्ति से वापसी के प्रकरणों में स्थानांतरण किए जा सकेंगे।
  2. इस स्थानांतरण नीति से हटकर किए जाने वाले ट्रांसफर के प्रकरणों में मुख्यमंत्री के समन्वय में आदेश प्राप्त करने होंगे।
  3. स्थानांतरण प्रशासकीय आधार पर व स्वयं की इच्‍छा से किए जाएंगे।
  4. किसी पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित जरूरी न्यूनतम शिक्षकों की संख्या से अधिक संख्या में कार्यरत शिक्षकों का ट्रांसफर प्रदेश स्तर पर समान छात्र-शिक्षक अनुपात को बनाए रखने के लिए किया जाएगा।
  5. हर साल 31 मार्च के पहले प्रत्येक विषय के उपलब्ध प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर और प्रवेशित छात्रों की संख्या का अनुपात निकाल कर नियमित पदों से भरने वाले पदों की संख्या निर्धारित की जाएगी।


  • ट्रांसफर के लिए यह होगी प्राथमिकता
  1. प्रशासकीय आधार पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार ट्रांसफर के लिए जो शिक्षक संस्था विशेष में पहले आया है उसे पहले जाना होगा।
  2. स्वयं की इच्छा पर ऐसे प्रकरणाें को प्राथमिकता दी जाएगी जो 40 प्रतिशत या उससे अधिक विकलांग हैं।
  3. चिकित्सीय आवश्यकता के आधार पर ट्रांसफर चाहने वाले कर्मचारी को जिला मेडिकल बोर्ड का स्पष्ट प्रमाण पत्र देना होगा।
  4. यदि एक स्थान पर रिक्त स्थान के विरुद्ध दो से अधिक व्यक्ति समान रूप से ट्रांसफर के योग्य हैं तो महिला कर्मचारी या उम्र में अधिक व्यक्ति को प्राथमिकता दी जाएगी।
  5. एेसे शिक्षक जो प्रादेशिक व राष्ट्रीय स्तर की वित्त पोषित संस्थाओं द्वारा प्रायोजित शोध परियोजनाओं से जुड़े हैं उनका ट्रांसफर शोध परियोजना पूरी होने तक नहीं किया जाएगा।
  6. एनसीसी अधिकारियों के ट्रांसफर ऐसे स्थान पर किए जाएंगे जहां पर एनसीसी की इकाई स्थापित करने के शासन के निर्देश हैं।
  7. स्कूल शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और उच्च शिक्षा विभाग की तबादला नीति शैक्षणिक सत्र के कारण अलग होती है। जबकि शासन के अन्य सभी विभागों में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा तय स्थानांतरण नीति ही लागू होती है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
फेसबुक पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!