
पार्टी के उच्चपदस्थ सूत्रों की मानें तो पार्टी का मानना है कि प्रदेश में जिस तरीके से पार्टी के कई विधायकों व पार्टी पदाधिकारियों ने नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाई है, उसके बाद इस मामले को अब और ज्यादा लटकाने से प्रदेश मे पार्टी को नुकसान हो सकता है। सूत्रों की मानें तो इन्ही सारे समीकरणों को देखते हुए अब पार्टी के अब प्रदेश से जुड़े वरिष्ठ नेताओं से वन-टू-वन चर्चा करने की योजना बनाई है। इस दौरान वह पार्टी के इन सभी वरिष्ठ नेताओं की प्रदेश में सक्रियता को भी देखेगी। जिसके आधार पर ही कोई फैसला लिया जाएगा।
जानकारों की मानें तो पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने आलाकमान के इस रुख को भांपते हुए हाल ही में अपने दौरे तेज दिए। साथ ही पार्टी के कई कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा भी लिया है। बता दें कि मप्र कांग्रेस के भीतर नेतृत्व परिवर्तन को लेकर यह घमासान उस समय से मचा है, जब से पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ में अपनी सक्रियता दिखाई है। इसके बाद यह चर्चा आम है कि कमलनाथ जल्द ही प्रदेश की कमान संभालेंगे। पिछले दिनों खुद कमलनाथ ने ऐसे संकेत दिए थे, लेकिन उन्होंने कहा था कि पार्टी आलाकमान जो फैसला लेगा,वह उन्हे मान्य होगा। इनमें मप्र की जिम्मेदारी संभालने की भी बात शामिल थी।