
राज्य के अफसरों के बीच सप्ताह भर से मेनन के पोस्ट और कमेंट सुर्खियों में है। दरअसल, वे एकमात्र आईएएस अफसर हैं, जो सोशल मीडिया पर जेएनयू के छात्रों के पक्ष में खुलकर सामने आए हैं। कुछ अफसरों का मानना है कि सोशल मीडिया पर ऐसे विषयों पर सक्रियता का प्रशासनिक नुकसान उठाना भी पड़ सकता है। मेनन ने कन्हैया कुमार के भाषण और उससे जुड़ी खबरों को शेयर किया है। उनकी फेसबुक वाल पर एक ऐसी पोस्ट शेयर की गई है, जिसमें लिखा गया है कि दलित के बारे में टिप्पणी है। इसके अलवा डेमोक्रेसी और अन्य मुद्दों पर पोस्ट हैं।
व्यक्तिगत विचार: मेनन
कलेक्टर मेनन ने कहा कि सोशल मीडिया पर उनके व्यक्तिगत विचार हैं। इसे आम आदमी के विचार के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने आदिवासी बहुल जिले में काम करने का मौका दिया है, जहां बेहतर काम करने की कोशिश कर रहा हूं। मनरेगा, मिट्टी हेल्थ कार्ड, प्रधानमंत्री जनधन योजना में बेहतर काम हुआ है। इन कामों की चर्चा होनी चाहिए, न कि मेरे टि्वट और फेसबुक पर किए पोस्ट पर चर्चा होनी चाहिए।
पहले भी चर्चा में रहे मेनन
मेनन पहले भी चर्चा में रहे हैं। सुकमा जिले के कलेक्टर रहते हुए उनका नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। इसके अलावा उन पर नक्सलियों से सांठगांठ के आरोप भी लगे थे। गुरूवार को विधानसभा में मेनन चर्चा में थे। कांग्रेस विधायक ने उनकी पत्नी की नियुक्ति का मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि पद का दुरूपयोग करते हुए नियुक्ति की गई है। हालांकि कांग्रेस सदस्य बृहस्पति सिंह के सवाल पर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि नियम-प्रक्रिया के तहत नियुक्ति की गई है।