
पिछले तीन चार महीनों से मध्यप्रदेश कांग्रेस की कमान कमलनाथ को सौंपने के लेकर कमलनाथ समर्थक सहित कांग्रेस के कई विधायक लांबिग कर रहे हैं। पिछले दिनों तो कई विधायक सीधे तौर पर कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपकर अभी से मिशन 2018 की तैयारियों में जुट जाने की पैरवी कर चुके हैं।
दूसरी तरफ प्रदेश में लगातार बढ़ रही कमलनाथ की सक्रियता से भी संकेत मिल रहे हैं कि आज नहीं तो कल कमलनाथ के हाथों में पीसीसी की कमान सौंपी जा सकती है ऐसे में पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वाले अरूण यादव को हटाने पर पिछड़ा वर्ग वोट बैंक नाराज न हो जाए तो अरुण यादव को राज्यसभा भेजकर डैमेज कंट्रोल की कोशिश कांग्रेस कर सकती है।
विवेक तनखा का दावा भी मजबूत
व्यापमं घोटाले को निर्णायक मोड़ तक ले जाने में सुप्रीम कोर्ट के जाने माने वकील विवेक तनखा को काफी सराहना मिल रही है। ऐसे में कांग्रेस विवेक को भी राज्यसभा में भेजना चाहेगी। हालांकि लोकसभा चुनाव में विवेक को जबलपुर से कांग्रेस ने टिकट दिया था, लेकिन विवेक को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में उनको राज्यसभा भेजे जाने की चर्चा कांग्रेसी खेमे में चल रही है।
शोभा ओझा औपचारिक चर्चा में
मौजूदा राष्ट्रीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष शोभा ओझा की राज्यसभा के लिए दावेदारी की चर्चा जोरों पर है। चर्चा है कि कांग्रेस हाईकमान सोनिया गांधी की नजदीकी का फायदा शोभा ओझा को मिल सकता है। दरअसल कांग्रेस के कोटे से विजय लक्ष्मी साधो राज्यसभा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और शोभा ओझा अपनी दावेदारी के साथ यही तर्क रख रही है कि महिला की सीट खाली होने पर महिला को ही राज्यसभा भेजा जाए।
इन सबकी दावेदारी के बीच अरुण यादव का दावा काफी मजबूत माना जा रहा है हालांकि अरूण यादव अपनी दावेदारी को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं लेकिन कांग्रेसी खेमे में चल रही सुगबुगाहट में अरुण यादव का दावा सबसे मजबूत नजर आ रहा है।